ओडिशा में फैनी चक्रवात की वजह से आई तबाही को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने ओडिशा सरकार के मुख्यमंत्री जन राहत कोष में 10-10 करोड़ रुपये की सहायता दी है। यह आर्थिक सहायता फैनी की चपेट में आए लोगों को आपात राहत उपलब्ध कराने के लिए दी गई है। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 11 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
ओडिशा में चक्रवाती तूफान 'फैनी' की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 पर पहुंच गई है। राज्य के लगभग 10 हजार गांवों और 52 शहरी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत एवं पुनर्वास कार्य प्रारंभ कर दिये गए हैं और इस तूफान से करीब एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।
रेल सेवा हुई बहाल
ईस्ट कोस्ट रेलवे ने कहा, 'आज सुबह से भुवनेश्वर से आने वाली ट्रेनों की सामान्य सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। प्रशांति एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस और हीराखंड एक्सप्रेस सामान्य रूप से चलेंगी। भुवनेश्वर-यशवंतपुर एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-आनंद विहार एक्सप्रेस, ओडिश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस भी अपने निर्धारित समयानुसार चलेगी।'यह चक्रवाती तूफान अत्यधिक शक्तिशाली माना जा रहा है और तटीय क्षेत्र पुरी में शुक्रवार को टकराया था। माना जा रहा है कि यह चक्रवात ग्रीष्म कालीन चक्रवातों में 'दुर्लभ से दुर्लभतम' श्रेणी का है और बीते 43 सालों में पहली बार ओडिशा पहुंचने वाला पहला और बीते 150 सालों में आये तीन सबसे ताकतवर तूफानों में से एक है।
अधिकारियों ने बताया कि 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे इस भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से शुक्रवार को पुरी में तेज बारिश और आंधी आयी। तूफान के कमजोर पड़ने और पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले इसकी चपेट में आये कस्बों और गांवों में बहुत से घरों की छतें उड़ गयीं और कई मकान पूरी तरह से नष्ट हो गये।
इससे पहले 1999 में सुपर साइक्लोन आया था जिसकी वजह से दस हजारों लोगों की मौत हो गई थी और एक बहुत बड़े क्षेत्र में विनाशलीला हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि मरने वाले 16 लोगों में से मयूरभंज से चार व पुरी, भुवनेश्वर और जाजपुर में तीन-तीन, क्योंझर, नयागढ़ और केंद्र पाड़ा में एक -एक व्यक्ति शामिल हैं।
प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए रवाना होने से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बयान में कहा कि नागरिक समाज संगठनों, एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मियों और एक लाख अधिकारियों के साथ लगभग 2000 आपातकालीन कर्मचारी सामान्य जनजीवन को फिर से बहाल करने के कार्य में लगे हुए हैं।